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Prerak Kahani : Moral Stories in Hindi | मुल्ला नसरूद्दीन नवाब के घर पर | | Aparna Mazumdar
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एक बार की बात है। मुल्ला नसरूद्दीन को नवाब के घर से खाने का निमंत्रण मिला।
मुल्ला नसरूद्दीन नवाब के घर पर फटे पुराने कपड़े पहनकर ही पहुंच गए, लेकिन गेट पर खड़े दरबानों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया और भिखारी समझ कर वहां से भगा दिया।
मुल्ला नसरूद्दीन घर पर आए और अपने कपड़े बदल कर बन-ठन कर दोबारा नवाब के घर पर पहुंचे।
नवाब के घर पर सभी मुल्ला नसरूद्दीन का इंतजार कर रहे थे। उनके पहुंचे ही तरह-तरह के स्वादिष्ट भोजन परोसा गया।
मुल्ला नसरूद्दीन खाना उठाते और अपने कोट के अंदर डालते और कहते, ‘‘खाओ खूब खाओ, यह दावत तो तुम्हारे लिए ही रखी गई है।’’
मुल्ला नसरूद्दीन की हरकतों को देखकर वहां उपस्थित लोगों ने पूछा, ‘‘मुल्ला यह तुम क्या कर रहे हो?’’
मुल्ला नसरूद्दीन बोले, ‘‘देख नहीं रहे अपने कपड़ों को भोजन करवा रहा हूं, क्योंकि यह दावत मुझे नहीं मेरे कपड़ों को मिली हैं।’’
मुल्ला नसरूद्दीन की पूरी बात सुनकर वहां उपस्थित सभी का सिर शर्म से झुक गया।
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