Prerak Kahani | कैसा मूर्ख बनाया | motivational story in hindi for students

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Prerak Kahani कैसा मुर्ख  बनाया एक motivational stories for sudens है. एक ऐसे बच्चे की कहानी है जो स्वभाव से बहुत ही शरारती था. लोगो को मुर्ख बनाना उसे अच्छा लगता था. लोगो को बेवकुफ बनाने के बाद वह खुशी से चहकते हुए कहता कैसा मुर्ख बनाया. Baccho ki Kahani यह कहानी बच्चों को कहानी के माध्यम से समझने की कोशिश की गई है.

राहुल बहुत शरारती था। वह हमेशा दोस्तों को झूठ बोल कर परेशान किया करता था। एक दिन उसने स्कूल में ग्रीनी से कहा, ‘‘तुम्हें प्रिंसीपल ने बुलाया है।’’ 

पहले तो राहुल की बात सुनकर ग्रीनी को विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब राहुल ने सीरियस होकर कहां तो ग्रीनी भागता हुआ प्रिंसीपल के ऑफिस में गया। 
ग्रीनी जब प्रिंसीपल के पास गया तो उसे पता चला कि उन्होंने उसे नहीं बुलाया हैं। ग्रीनी जब लौट कर आया, तो राहुल ने चिढ़ाते हुए कहा, ‘‘कैसा मूर्ख बनाया’’ और वह ताली बजाकर हंसने लगा।
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Prerak Kahani | कैसा मूर्ख बनाया | motivational story in hindi for students
एक दिन राहुल डेस्क के अंदर हाथ डालकर जोर-जोर से ‘‘मर गया…… मर गया’’ चिल्लाने लगा।   
चिल्लाने की आवाज सुनकर उसके सभी दोस्त घबरा गए। सभी उसके पास पहुंच कर पूछने लगे क्या हुआ?
उनको देखकर वह जोर-जोर से हंसने लगा। उसने डेस्क से अपना हाथ बाहर निकलाते हुए कहां, ‘‘कुछ नहीं मैं तो मजाक कर रहा था।’’ Prerak Kahani : कैसा मूर्ख बनाया | motivational stories for students | Baccho ki Kahani
एक दिन वह दरवाजों के बीच अपनी अंगुली डालकर चिल्लाने लगा। उसकी हालत देखकर दोस्तों को लगा कि उसकी अंगुली दरवाजे के बीच में फंस गयी हैं। सभी दौड़ कर उसके पास गए और दरवाजे के बीच फंसी ऊंगली को निकालने की कोशिश करने लगे, लेकिन वे निकाल नहीं पा रहे थे। ऊंगली निकालने के चक्कर में जैसे ही दरवाजा थोड़ा-सा हिलता राहुल जोर-जोर से चिल्लाने लगता।
काफी देर तक दोस्त दरवाजे में फंसी अंगुली को निकालने की कोशिश करते रहे, पर वे निकाल नहीं पाएं। अपने दोस्तों को परेशान देखकर राहुल काफी खुश हो रहा था। कुछ देर बाद अपनी अंगुली को बाहर निकालते हुए कहां, ‘‘मेरी अंगुली तो फंसी ही नहीं थी। मैं तो मजाक कर रहा था।’’ इतना कह कर वह जोर-जोर से हंसने लगा।
राहुल के रोज-रोज की झूठी हरकतों से उसके दोस्त परेशान हो गये थे। अब उन्होंने उस की हरकतों पर ध्यान देना बंद कर दिया था।
एक दिन स्कूल के बच्चे पिकनिक के लिए तवा बांध पर गये। सभी मस्ती में उछल कूद कर रहे थे। 
इतने में राहुल के जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज सुनायी दी। 
‘‘मर गया, मेरा हाथ पत्थर के नीचे आ गया है…. कोई मेरी मदद करो। हाय मैं मर गया।’’
राहुल की आवाज सुन कर सभी आपस में कहने लगे, अभी पास जाने पर कहेगा कि मैं तो मजाक कर रहा था। 
जब देखा कोई भी दोस्त उसके पास नहीं आ रहा है, तो वह अपने दोस्तों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिये और तेज आवाज में चिल्लाने लगा, इस पर भी कोई उसके पास नहीं आया। 

Prerak Kahani : motivational stories for students | मजाक परेशानी का सबब बन जाती हैं

राहुल को शरारत करने की सूझी थी। उसने बड़े से पत्थर के नीचे अपना हाथ ऐसे रख दिया, जिससे देखने वालों को लगे कि उसका हाथ पत्थर के नीचे फंस गया हो और वह दूसरे हाथ से पत्थर को हटाने की कोशिश कर रहा है। 
इतने में पत्थर किसी तरह से खिसक गया और राहुल के हाथ के ऊपर आ गया। जिसकी वजह से अब उसका हाथ सही में पत्थर के नीचे दब गया।Prerak Kahani : कैसा मूर्ख बनाया || motivational stories for students || Baccho ki Kahani
राहुल पत्थर के नीचे से हाथ निकालने की कोशिश की, लेकिन वह निकाल नहीं पाया। वह दोस्तों से मदद के लिये जोर-जोर से आवाज देने लगा। 
दोस्तों ने इसे मजाक समझा और उसकी मदद के लिये नहीं पहुंचे। 
आज राहुल को समझ में आ रहा था कि झूठ बोलकर दोस्तों को परेशान करना कितनी बूरी बात होती है। आज सही में उसका हाथ पत्थर के नीचे आने पर भी उसके दोस्त उसकी बात को झूठ समझ रहे थे। 
उसे लगने लगा आज तो उसकी जान ही निकल जाएगी। पूरा जोर लगाकर चिल्लाने के बाद भी कोई दोस्त उसके पास नहीं आया।Prerak Kahani : कैसा मूर्ख बनाया || motivational stories for students || Baccho ki Kahani
इतने में उधर से क्लास टीचर निकले। उन्हें किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनायी दी।आवाज की दिशा में पहुंचकर देखा। 
राहुल का हाथ एक बड़े से पत्थर के नीचे आ गया है और वह मदद के लिये आवाज दे रहा है। क्लास टीचर ने पत्थर को हटाया और तब जाकर राहुल को राहत मिली। 
क्लास टीचर ने राहुल के दोस्तों को आवाज लगा कर पास बुलाया और उन्हें डांटते हुए कहां, ‘‘तुम्हारा दोस्त परेशानी में था। वह मदद के लिए तुम्हें बुला रहा था पर तुम में से कोई उसकी मदद के लिए नहीं आया।’’  
राहुल ने कहां, ‘‘सर, इसमें मेरे दोस्तों की कोई गलती नहीं है, इसमें मेरी ही गलती है। मैं झूठ बोलकर हमेशा उन्हें परेशान किया करता था। 
आज भी मैं उन्हें परेशान करने के लिये पत्थर के नीचे ऐसे ही हाथ रखा था पर वह पत्थर किसी तरह से सरक गया और मेरा हाथ उसके नीचे दब गया। मैंने मदद के लिये अपने दोस्तों को आवाज दी, लेकिन उन्हें लगा शायद आज भी मजाक कर रहा हूं  जिसकी वजह से कोई भी दोस्त मेरी मदद के लिये नहीं आया। यदि आप नहीं आते तो मेरी जान ही चली जाती। आज मुझे पता चला कि मजाक करना कितना बूरा होता है। मैं कान पकड़ता हूं आइंदा कभी मजाक नहीं करूंगा।’’ 

शिक्षा :- इस कहानी से शिक्षा मिलती हैं कि

  •  मजाक करना एक सीमा तक ही उचित होता हैं।
  •  माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए किया गया मजाक उचित होता हैं। वहीं किसी को परेशान करने के लिए किया गया मजाक परेशानी का सबब बन जाती हैं।
  •  हमेशा मजाक करते रहने से एक दिन ऐसा आता है कि जब आपको सही में किसी की मदद की जरूरत होती हैं तब आपकी मदद के लिए कोई नहीं आता हैं। Prerak Kahani : कैसा मूर्ख बनाया | motivational stories for students | Baccho ki Kahani

प्रेरक कहानी कैसा मुर्ख बनाया बच्चों की कहानी के माध्यम से समझाने की कोशिश की है.

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