Prerak Kahani : हाथी ने खोली किराने की दुकान | hindi moral stories

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Prerak Kahani : हाथी ने खोली किराने की दुकान hindi moral stories

Prerak Kahani | Aparna Mazumdar
Prerak Kahani, हाथी ने खोली किराने की दुकान – सतपुड़ावन में जम्बो हाथी ने किराने की एक दुकान खोली। वन के सभी जानवर यह सोच कर खुश हो गए कि चलों अच्छा हुआ, अब उन्हें सामान लेने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।
 
जम्बों हाथी अपनी दुकान में स्वच्छ, शुद्ध व उचित मूल्य पर सामान बेचता था जिसकी वजह से दूसरे वनो के जानवर भी उसकी दुकान पर सामान खरीदने के लिए आने लगे।
 
देखते ही देखते जम्बों हाथी की दुकान खूब चलने लगी। सुबह से शाम तक उसकी दुकान पर सामान खरीदने वालों की भीड़ लगी रहती थी। Prerak Kahani : Hindi Moral Stories | कम वजन ढोना पड़ेगा
जम्बो की दुकान जब खूब चलने लगी तो उसके मन में लालच आने लगा। उसकेे व्यवहार में बदलाव आ गया। अब वह सामान कम तौल कर देता और सामानो में मिलावट भी करने लगा।
 
जब कोई ग्राहक सामान कम तौलने की शिकायत करता, तब जम्बों हंसकर कहता, ‘‘अरे बाबा, तुम्हें कम वजन ढोना पड़ेगा।’’
 
यदि कोई सामान में खराबी होने या मिलावट होने की शिकायत करता तो जम्बो उनसे अकड़ कर कहता, ‘‘लेना है तो लो, नहीं तो सीधा अपना रास्ता नापो।’’
 
चीकू खरगोश कई दिन से जम्बो हाथी पर नजर रखे हुए था। वह मन ही मन जम्बो को सबक सिखाने के बारे में सोचने लगा और एक दिन उसने जम्बो को सबक सिखाने के लिए एक उपाय सोच ही लिया।
 
चीकू ने अपने कुछ दोस्तों को जमा किया और उन्हें जम्बो को सबक सिखाने की अपनी योजना बताई। सभी को उसकी योजना पसंद आ गयी।
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Prerak Kahani : हाथी ने खोली किराने की एक दुकान
 
योजना के मुताबिक चीकू जम्बो की दुकान पर पहुंचा। उसने कहा, ‘‘जम्बो दादा, एक किलो गाजर देना।’’
 
जम्बो हाथी टोकरी में से गाजर निकाल कर तौलने लगा। चीकू जम्बो को गाजर तौलते हुए बढ़े ध्यान से देख रहा था। उसने देखा, जम्बो ने बड़ी चालाकी से गाजर तौल कर उसमें से एक गाजर निकाल कर रख लिया। Prerak Kahani : हाथी ने खोली किराने की एक दुकान
 
चीकू ने टोका, ‘‘दादा आपने गाजर तौल कर एक गाजर क्यों निकाल ली …. आप मुझे गाजर कम दे रहे हैं।’’
 
इस पर जम्बो ने अपने आदत के अनुसार जवाब दिया, ‘‘अरे चीकू बेटा, तुम्हें गाजर कम ढोनी पड़ेगी।’’
 
चीकू कुछ नहीं बोला। उसने चुपचाप गाजर थैले में रखें और हाथ में रखे रूपयें जम्बो की ओर बढ़ा दिया।
जम्बो रूपये लेकर गिनने लगा। उसने चीकू को रोकते हुए कहा, ‘‘चीकू तुमने दो रूपए कम दिए हैं।’’
 
चीकू हंसता हुआ बोला, ‘‘कोई बात नहीं दादा, आपको रूपये कम गिनने पड़ेगें।’’
 
यह सुनते ही दुकान पर खड़े अन्य जानवर जोर-जोर से हंसने लगे।
 
जम्बो आगे कुछ कहता, चीकू उछलता कूदता वहां से चला गया।
 
जम्बो उसे आवाज देता रह गया। वह दुकान छोड़कर चीकू के पीछे नहीं जा सकता था, क्योंकि दुकान में उस वक्त सामान लेने वालों की भीड़ लगी हुई थी।
 
जम्बो बड़बड़ाने लगा, ‘‘चीकू के बच्चे मैं तुमसे बाद में निपटूगां।’’
 
जम्बो हाथी ग्राहकों को सामान देने लगे। लेकिन यह क्या, जो भी सामान लेता, वह चीकू की तरह जम्बों को कम रूपए देकर चला जाता। Prerak Kahani : हाथी ने खोली किराने की एक दुकान
 
जम्बो के द्वारा और रूपए मांगने पर जवाब मिलता, ‘‘दादा, आपको रूपए कम गिनने पड़ेगें।’’
 
जानवरों की इस हरकत से जम्बो हाथी समझ गया कि यह उसके कम तौलने के लालच का परिणाम है।
 
उसने सभी से हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए कहा, ‘‘मैं लालच में आकर अब कभी भी बेईमानी नहीं करूगा।’’

शिक्षा:-

इस कहानी से शिक्षा मिलती हैं कि

  • कभी भी लालच में आकर बेईमानी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि बेईमानी करने वाले की बेईमानी किसी से छुपती नहीं है और सच्चाई एक न एक दिन सभी के सामने आ जाती हैं। इससे इज्जत तो खोते है साथ ही साथ जग हंसाई होती है सो अलग। Prerak Kahani : हाथी ने खोली किराने की दुकान

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