Prerak Kahani : Hindi Moral Stories समस्या को जड़ से समाप्त करें
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सतपुड़ावन के राजा शेरसिंह जब मुक्ता झील के पास घुमने पहुंचे तो वहां पर उन्हें एक नई चीज़ देखने को मिली। उन्होंने उसे उठा लिया और अपने मंत्री चतुरानंद चीता को दिखाकर पूछा, ‘‘यह क्या हैं?
मंत्री चतुरानंद चीता ने उस चीज को बड़े गौर से देखा, लेकिन उसकी समझ में भी कुछ नहीं आया।
शेरसिंह ने चतुरानंद चीता को इसके बारे में शीध्र पता लगाने का आदेश दिया।
मंत्री चतुरानंद चीता ने तुरंत अपने जासूस मोती कुत्ता को इस काम में लगा दिया। मोती ने जल्दी ही इसके बारे में पूरी जानकारी एकत्र कर ली और अपनी पूरी रिर्पोट चतुरानंद को सौंप दी।
चतुरानंद चीता ने रिर्पोट पढ़ते हुए शेरसिंह से कहा, ‘‘महाराज, वह चीज़ कुछ दिन पहले ही सतपुड़ा वन में घुमने आये कुछ शहरी लोगों द्वारा फैंकी गयी है। उस चीज़ के बारे में अधिक जानकारी एकत्र करने के लिए हमारा जासूस मोती शहर गया था। Prerak Kahani : Hindi Kahani | Hindi Moral Stories | समस्या को जड़ से समाप्त करें
वहां से लौट कर उसने बताया कि यह एक पोलीथिन है। शहर में लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण वस्तु है। आजकल शहर में लोग कपड़े के थैले में सामान लेने की बजाये, पोलीथीन के बैग में सामान ले जाना अधिक पसंद करते हैं।
पोलीथिन सुंदर और मजबूत तो होती है, लेकिन इससे लाभ कम, हानि अधिक होता है। पोलीथिन से वातावरण प्रदूषित हो रहा है।
इसे जमीन में दबाने के बाद भी यह सैंकड़ों साल तक न सड़ती है और न ही जलाने पर खत्म होती है। इसको जलाने से विषैली गैस निकलता है जो काफी खतरनाक होती है और वायु मण्डल को भी प्रभावित करता है।
पोलीथिन को गला कर दोबारा इस्तेमाल मे लाया जाना और भी खतरनाक होता है। इसमें मिलाया गया कृत्रिम रंग पोलीथिन में रखे खाध-पदार्थो द्वारा मानव शरीर में पहुंच कर उन्हें नुकसान पंहुचा रहा है।
इस पोलीथिन में कूड़ा-कचरा भरकर फैंकने से अनेकों परेशानिया उत्पन्न होती है। पोलीथिन नालों व शीवर में फंस कर उसे जाम कर देता है।’’
रिर्पोट में पोलीथिन से होने वाले नुकसान के बारे में जानकर राजा शेरसिंह ने घोषणा की कि जंगल का कोई भी प्राणी पोलीथिन का उपयोग कभी नहीं करेगा। जो भी जानवर इसका उपयोग करते हुए पाया जाएगा उसे कठोर दण्ड दिया जाएगा।
शेर सिंह के आदेश पर सतपुड़ावन में जगह-जगह बड़े-बड़े बोर्ड लगा दिये गये, जिस पर पोलीथिन का उपयोग नहीं करने की चेतावनी लिखी हुई थी।
राजा शेरसिंह ने सतपुड़ावन में पोलीथिन बनाने वाली सभी फैक्ट्रीरियों को बंद करवा दिया ताकि भविष्य में कोई पोलीथीन का इस्तेमाल न करें। Prerak Kahani : Hindi Kahani | Hindi Moral Stories | समस्या को जड़ से समाप्त करें
वन के सभी जानवरों ने प्रतिज्ञा की कि भविष्य में भी वे कभी भी इस खतरनाक पोलीथीन का उपयोग नहीं करेंगे।
शिक्षा:-
इस कहानी से शिक्षा मिलती हैं कि
- पोलीथीन का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे पर्यावरण को नुकसान होता है।
- जिस चीज़ से मानव जाति व पर्यावरण को नुकसान हो ऐसे वस्तुओं का न तो निर्माण करना चाहिए और न ही उसका इस्तेमाल करना चाहिए।
- किसी भी बुराई को खत्म करने के लिए उसके उत्पन्न होने की वजह को ही खत्म कर देना चाहिए।
- सिर्फ जहरीले पेड़ की शाखाओं को काटने की बजाएं उसे जड़ से ही खत्म कर देना उचित हैं। Prerak Kahani : Hindi Kahani | Hindi Moral Stories | समस्या को जड़ से समाप्त करें
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