Prerak Kahani : चोर पकड़ा गया | Moral Stories in Hindi | Apeksha Mazumdar

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Prerak Kahani | चोर पकड़ा गया | Moral Stories in Hindi

Prerak Kahani : चोर पकड़ा गया | Moral Stories in Hindi | Apeksha Mazumdar

प्रेरक कहानी, Prerak Kahani | चोर पकड़ा गया | Moral Stories in Hindi  कहानी में बताया गया है कि झूठ को जितना छुपाने की कोशिश करेंगे उसके प्रकट होने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है। इसलिए अपनी गलती को स्वीकार करें और दोवारा ऐसी गलती ना करें।


Prerak Kahani | Aparna Mazumdar

अकबर को गहनों का बहुत शौक था। उनके पास कई तरह के बेशकीमती हीरे, मोती, पन्ना आदि जवाहरतों से जड़ें गहने थे। अकबर ने अपने उन गहनों की सुरक्षा के लिए चार पहरेदारों को लगा रखा था। 

एक दिन राजा की एक अंगूठी गायब हो गई। वह अंगूठी राजा को सबसे ज्यादा पसंद थी। काफी खोजबीन के बाद भी उन्हें वह अंगूठी नहीं मिली। 

अकबर ने बीरबल को बुलाया और चोर का पता लगाने के लिए कहा।

बीरबल ने चारों पहरेदारों को अपने पास बुलाया और उन्हें एक-एक छड़ी देते हुए कहा, ‘‘यह जादुई छड़ी है। जिसने चोरी की है उसकी छड़ी एक इंच बढ़ जाएगी।’’

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चारों सिपाही छड़ी लेकर अपने-अपने घर चले गए।

रात के समय तीन सिपाही तो छड़ी रखकर आराम से सो गए, लेकिन उनमें  से चौथा जिसने चोरी की थी उसे नींद नहीं आ रही थी। उसे बार-बार एक ही बात सता रही थी कि कल जब दरबार में छड़ी को नापा जाएगा तो उसकी छड़ी एक इंच बढ़ी होगी। 

यह देखकर राजा उसे मृत्यु दण्ड भी दे सकते हैं। काफी सोचने के बाद उसने छड़ी को एक इंच काट कर छोटा कर दिया, ताकि कल छड़ी बढ़ने पर भी वह दूसरे के बराबर रहेगी। Short Motivational Story In Hindi | Baccho ki Kahani | Nani ki Kahani | dadi ki kahani | moral stories in hindi | motivational story in hindi | motivational stories | motivational story in hindi | prerak prasang
अगले दिन चारों सिपाही दरबार में अपनी-अपनी छड़ी लेकर उपस्थित हुए। छड़ी देखते ही बीरबल समझ गया कि असली चोर कौन है। 

अकबर ने पूछा, ‘‘बीरबल, तुमने चोर को कैसे पहचान लिया?’’

बीरबल बोला, ‘‘महाराज ये छड़िया जादुई नहीं हैं। ये तो साधारण छड़ी है। जिन्होंने चोरी नहीं की वे तो घर जाकर आराम से सो गए और जिसने चोरी की थी, उसके मन में डर था कि छड़ी एक इंच बढ़ी हो जाएगी। इसलिए उसने छड़ी को एक इंच काट कर छोटा कर दिया।’’

बीरबल की बुद्धि से अकबर बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा, ‘‘झूठ को जितना छुपाने की कोशिश करेंगे उसके प्रकट होने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है।’’

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