Motivational Story In Hindi : Prerak Kahani | फस्ट क्लास बने रहें

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Motivational Story In Hindi : Prerak Kahani | फस्ट क्लास बने रहें

Motivational Story In Hindi : Prerak Kahani | फस्ट क्लास बने रहें

Prerak Kahani | Aparna Mazumdar

सतपुड़ावन में बंटी बंदर ने चश्मे की एक दुकान खोली। उसकी दुकान में विभिन्न रंगों के रंग-बिरंगे और विभिन्न प्रकार के चश्में मिलते थे। 

वन में चश्में की दुकान देखकर सभी जानवर बहुत खुश हुए। सभी जानवर बंटी की दुकान से अपनी-अपनी पंसद के चश्मे ले जाने लगे। 

सभी जानवरों को चश्मा पहने देखकर छोटू चूहे को भी चश्मा पहने की इच्छा हुई। एक दिन वह भी चश्मा खरीदने के इरादे से बंटी की दुकान पर पहुंच गया।

छोटू ने कहा, ‘‘बंटी भाई, मुझे भी चश्मा पहनना है। जल्दी से मेरे लिए एक अच्छा-सा नए डिजानइ का रंगीन चश्मा निकाल दो।’’ 

‘‘यह लो नए डिजाइन का चश्मा है। यह तुम पर बहुत अच्छा लगेगा।’’ बंटी ने छोटू चूहे को चश्मा पहनाते हुए कहां।

‘‘लेकिन यह चश्मा तो बड़ा हैं।’’ छोटू ने चश्मा पहन कर आईने में देखते हुए कहां। 

बंटी जो भी चश्मा छोटू को पहनाता वह उसके चेहरे के नाप से छोटा होता या उसके चेहरे के नाप से बड़ा होता था। 

‘‘लगता है मेरी नाप का चश्मा कभी नहीं मिलेगा।’’ छोटू ने दुखी होकर कहा।  

बंटी ने उसे सांत्वना देते हुए कहा, ‘‘छोटू तुम्हें दुखी होने की जरूरत नहीं है। मैं दो दिन के बाद शहर जाऊंगा। तब वहां से तुम्हारे नाप का चश्मा बनाकर ले आऊगा।’’ Motivational Story In Hindi : Prerak Kahani | फस्ट क्लास बने रहें

बंटी बंदर की बात सुनकर छोटू चूहा खुश हो गया। बंटी, छोटू की नाप ले ली।   

कुछ दिन बाद सतपुड़ा वन के राजा शेरसिंह का जन्मदिन था। राजा शेरसिंह अपना जन्म दिन बहुत धूमधाम से मनाते थे। 

उस दिन सतपुड़ावन में त्यौहार जैसा माहौल होता था, क्योंकि राजा शेरसिंह अपने जन्मदिन में वन के सभी जानवरों को आमंत्रित करते थे।

वन के सभी जानवर राजा शेरसिंह के जन्मदिन में शामिल होने की अभी से तैयारियां करने लगे थे।

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उन्होंने अपने-अपने पंसद के विभिन्न डिजाइन के नए-नए डेªस खरीदे थे। इतना ही नहीं उन्होंने अपने डेªस से मेले खाते पेन, घड़ी और चश्मा भी खरीद लिया था। 

इधर छोटू चूहा बहुत दुखी था। उसने अपने लिए नए कपड़े और पेन तो खरीद लिया था, लेेकिन उसके पास घड़ी और चश्मा नहीं था। वह यही सोच सोचकर दुखी हो रहा था कि उसके सभी दोस्त चश्मा, घड़ी और पेन लगाकर राजा शेरसिंह के जन्म दिन में शामिल होगें। 

उसके सभी दोस्तों का वहां सम्मान करेंगे, लेकिन उसे द्वितीय क्लास में बैठना पड़ेगा। वह अपने दोस्तों के सामने शर्मिदा नहीं होना चाहता था, इसलिए उसने राजा शेरसिंह के जन्मदिन में शामिल न होने का निश्चय किया।

छोटू चूहे के माता-पिता ने उसे काफी समझाया कि बिना चश्मा और घड़ी के राजा शेरसिंह के जन्मदिन में शामिल हो सकता हैं, लेकिन छोटू चूहे ने जाने से इंकार कर दिया।  

शाम को सभी जानवर सजधज कर राजमहल पहुंच गये। सभी जानवर राजा शेरसिंह को जन्मदिन की बधाई और तोहफा दे रहे थे।

जब छोटू के माता-पिता ने राजा शेरसिंह को तोहफा देते हुए जन्मदिन की बधाई दी। राजा शेरसिंह ने जब उनके साथ छोटू को नहीं देखा तो उन्होंने आश्चर्य से पूछा, ‘‘छोटू कहां हैं?’’

छोटू के पिता ने कहा, ‘‘महाराज, वह घर पर हैं।’’ 

‘‘घर पर हैं, उसके सभी दोस्त तो यही हैं। क्या उसकी तबीयत खराब हैं?’’

‘‘नहीं महाराज, छोटू के पास पेन, घड़ी और चश्मा नही है इसलिए वह नही आया है।‘‘

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शेरसिंह ने कहा, ‘‘आखिर मेरे जन्मदिन में आने के लिए पेन, घड़ी और चश्मा क्यों चाहिए?’’
छोटू के पिता चुप रहे। 
छोटू घर पर अकेले उदास बैठा था। 
बंटी बंदर भागता-भागता छोटू के घर पर पहुंचा। 
बंटी ने अपने बैग से सामान निकालते हुए कहा, ‘‘मुझे आने में देर हो गई। मैं अभी शहर से आ रहा हूं। यह लो चश्मा और यह घड़ी। अब जल्दी से तैयार होकर पार्टी में चलो नहीं तो पार्टी खत्म हो जाएंगी।’’

चश्मा और घड़ी पाकर छोटू चूहा खुश हो गया। वह जल्दी से तैयार होकर पार्टी में पहुंचा

छोटू को देखकर राजा शेरसिंह ने उससे पूछा, ‘‘आखिर मेरे जन्मदिन में शामिल होने के लिए पेन, घड़ी और चश्मा जरूरी है। यह किसने कहां था?

छोटू ने घबराते हुए जबाव दिया, ’’महाराज, यह सब फ्स्ट क्लास व्यक्तित्व की पहचान के साधन है। जब से जानवरों को पता चला है कि पहले जमाने में व्यक्तित्व की पहचान के लिए इन तीनों चीजों को पहना जाता था, तब से हमारे वन में भी व्यक्तित्व की पहचान के लिए इन तीनों चीजों का अधिक चलन हो गया हैं।

हमारे वन में यह माना जाता है, जिसके पास पेन, घड़ी और चश्मा है वह फस्ट क्लास का व्यक्ति है। 

जिसके पास तीन में से दो चीज है वह सेकडं क्लास का और जिसके पास तीन में से एक चीज है वह थर्ड क्लास का व्यक्ति है। 

जिसके पास तीन में से एक भी चीज नहीं है उसे तो इंसान ही नहीं समझा जाता है। 

इतना ही नहीं आज अच्छे कपड़े, ब्रांडेड चीजों का होना भी जरूरी है।’’ 

शिक्षा:- Motivational Story In Hindi : Prerak Kahani | फस्ट क्लास बने रहें

इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि 

  • हमेशा फस्र्ट क्लास बने रहिये। अपने हर काम में भी इस नियम का पालन करना चाहिए।
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  • आज लोग क्वालिटी के हिसाब से आपका मूल्यांकन करते हैं। इसीलिए क्वालिटी का भी ध्यान रखिए।
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  • आप क्या पहनते हैं, आपकी पर्सनैल्टी कैसी हैं, आपका हेयर स्टाइल कैसा हैं, आपके कपड़े किस ब्रांड के है जैसे अनेक तत्व मिलकर आपके प्राथमिक छवि को तय करते हैं। 

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