Moral Stories in Hindi : दो सिर वाला हंस

Rate this post
Moral Stories in Hindi : दो सिर वाला हंस, Baccho ki Kahani, dadi ki kahani, Inspirational Short Stories, nani ki kahani, Prerak Kahaniya, Prerak Kahani, prerakkahani.com, prerakkahani
Moral Stories in Hindi : दो सिर वाला हंस


Baccho ki Kahani, dadi ki kahani, Inspirational Short Stories, Moral Stories in Hindi, motivational stories for employees, nani ki kahani, new motivational story, Prerak Kahaniya, Short Motivational Story In Hindi,


Baccho ki Kahani | Moral Stories in Hindi : दो सिर वाला हंस

एक तालाब के किनारे दो सिर वाला हंस रहता था। उनका शरीर तो एक था, लेकिन दोनों सिर की आदतें एक दूसरे से अलग-अलग थी।
 
पहला सिर बुद्धिमान और अच्छे स्वभाव का था, और दूसरा सिर घमंड़ी व गुस्से स्वभाव का था। 
 

पहला सिर दूसरे सिर को हमेशा समझाते हुए कहता, ‘‘देख भाई, भगवान ने हमें सोचने समझने के लिए अलग-अलग दो सिर तो दिए है, लेकिन शरीर एक ही दिया हैं। इसलिए हमें कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे दोनों को नुकसान हो।’’

 
दूसरा सिर उसकी बातों को अनसुना कर देता।

एक दिन तालाब से एक मछली पानी के बाहर आ गई। जिसे देखकर बूरा सिर उसे खाने के लिए लपका। अच्छे सिर ने उसे रोकते हुए कहा, ‘‘उस मछली को खाना नहीं, वह गले में फंस जाएगी।’’

बुरे सिर ने उसकी बात नहीं सुनी और मछली को निगल गया। मछली कुछ बड़ी और कांटे वाली थी। वह गले में फंस गई। बुरे सिर वाले के कारण अच्छे सिर वाले की भी मौत हो गई। इसीलिए कहा जाता है कि बुरे के साथ कभी नहीं रहना चाहिए।

Business Mantra | बिजनेस से संबंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

Laghu katha | लघुकथा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Prerak Kahani | प्रेरक कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

(Copyright: All Rights Aparna Mazumdar)

#prerak_kahani #prerakkahani #motivationalstoryinhindi #motivational_story_in_hindi #प्रेरककहानी

share to stories

Leave a Comment