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Laghu Katha | Milawat | Dr. M.K. Mazumdar |
Laghu Katha : Milawat | Dr. MK Mazumdar | Hindi Short Stories
Laghu Katha -Dr. Mk Mazumdar
‘मिलावट’ डाॅ. एम.के. मजूमदार द्वारा लघुकथा संग्रह में से एक है। इनकी लघुकथाएं देश के विभिन्न पत्रिकाओं और पेपर में प्रकाशित हो चुकी है। कल और आज के परिवेश में काफी बदलाव आया है। हो सकता है कुछ लघुकथाएं वर्तमान समय में अटपटी लगे पर अनेक लघुकथाएं आज के सदंर्भ में भी उतनी ही सटीक बैठती हैं जितनी की उस वक्त. लघुकथा के परिवेश और काल को समझने के लिए प्रत्येक लघुकथा के लेखन के वर्ष को भी दर्शाया गया है जिससे पाठक उस काल को ध्यान में रखकर लघुकथा की गहराई को महसूस कर सकें। आप भी इन्हें पढ़े और अपने विचार कमेंट बाॅक्स में जरूर लिखें।
मिलावट (Milawat)
मुन्ना कसाई काफी परेशान था। सभी चीज़ों में धड़ल्ले से मिलावट हो रही है। … पिसी मिर्च में ईटो का चूरा ….. चावलों में कंकड़ ……. धनिया में भूसा, परन्तु गोश्त में कोई सस्ता पर्दाथ की मिलावट नहीं कि जा सकती। गोश्त में केवल दूसरे प्रकार का ही गोश्त मिलाया जा सकता है, पर इसमें फायदा ही क्या?
आज उसने अपनी बीबी से इस बात का जिक्र किया। बीवी ने कुछ सोच कर कहा, ‘‘इसमें परेशान होने की कोई खास बात नहीं हैं। सिविल अस्पताल में आदमी का गोश्त काफी सस्ता मिल सकता है।’’
अब मुन्ना काफी खुश था। उसकी दिन दुनी रात चैगुनी कमाई हो रही थी। मिलावट की सस्ती गोश्त धड़ाधड़ बिक जाती थी।……….. More (1980)
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