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Laghu Katha | Fashion | Dr. M.K. Mazumdar |
Laghu Katha | फैशन | Dr. MK Mazumdar | Hindi Short Stories | Motivational Story In Hindi
Laghu Katha-Dr. MK Mazumdar
‘रूपये’ डाॅ. एम.के. मजूमदार द्वारा लघुकथा संग्रह में से एक है। इनकी लघुकथाएं देश के विभिन्न पत्रिकाओं और पेपर में प्रकाशित हो चुकी है। कल और आज के परिवेश में काफी बदलाव आया है। हो सकता है कुछ लघुकथाएं वर्तमान समय में अटपटी लगे पर अनेक लघुकथाएं आज के सदंर्भ में भी उतनी ही सटीक बैठती हैं जितनी की उस वक्त. लघुकथा के परिवेश और काल को समझने के लिए प्रत्येक लघुकथा के लेखन के वर्ष को भी दर्शाया गया है जिससे पाठक उस काल को ध्यान में रखकर लघुकथा की गहराई को महसूस कर सकें। आप भी इन्हें पढ़े और अपने विचार कमेंट बाॅक्स में जरूर लिखें।
फैशन
वह उस दुकान का स्थायी ग्राहक था। दुकान के सामने रूक कर एक पैकेट ‘नम्बर टेन’ की आवाज़ लगायी।
भीड़ ……..।
सामने दुकान पर भीड़ देख कर वह कारण जानने के उत्साह में उस ओर चला गया।
पंहुच कर कारण जानने की जरूरत नहीं पड़ी। स्थिति से अन्दाजा लगा लिया।
भीड़ का कारण काउन्टर पर बैठी कमसीन, खूबसूरत लड़की थी।
भीड़ में उसके भी बोल फूट पड़े, ‘‘एक पैकेट ‘‘ट्रीपल फाइव देना’’।
अब उसने ‘नम्बर टेन’ वाली दुकान छोड़ दी। ‘ट्रीपल फाइव’ वाली दुकान का स्थायी ग्राहक बन गया था।……………. More (1981)
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