Prerak Kahani : chor pakda gaya | Motivational Story In Hindi
Prerak Kahani-Aparna Mazumdar
सेठ धनपत हिरण की ‘‘सतपुड़ावन के न्यू मार्केट में ‘तड़क भड़क’ के नाम से ज्वैलरी का शो रूम था.
एक दिन सेठ धनपत हिरण इंस्पेक्टर चीतासिंह के पास पहुंचे. उन्होंने अपना परिचय देते हुए कहां, उनके शो रूम से सोने की चेन एक चोरी हो गई है.
इसका कुछ पता नहीं चला. हम सर्तक हो गए इसके बावजूद एक सप्ताह बाद फिर चोरी हुया. हमारे सतर्क रहने के बाद भी कल सोने की चेन चोरी हो गयी. कई बार की चोरी से मैं अब परेशान हो गया हूं.
चोरी की बात का ग्राहकों पर असर न पड़े इसलिए चुपचाप आपसे शिकायत कर रहा हूं. अभी मैं चाहता हूं की आप इसकी जांच इस तरह से करें कि इस बारे में बाहर के लोगों को कुछ पता न चलें.’’ Prerak Kahani : chor pakda gaya | Motivational Story In Hindi
‘‘ठीक है आप जैसा चाहते हैं वैसा ही होगा. किसी पर कोई शक.’’ इंस्पेक्टर चीतासिंह के कहा.
‘‘मेरे यहां के नौकर काफी सालों से मेरे यहां काम कर रहे. उनकी मेहनत और सहयोग की बदौलत मैं एक छोटे से दुकान से शो रूम का मालिक बना हूं. उन पर मुझे शक नहीं है. जांच के दौरान आपके शक के दायरे में आता है. आप उसके खिलाफ कार्यवाही कर सकते हैं.’’ सेठ ने कहा.
इंस्पेक्टर चीतासिंह ने सबसे पहले शो रूम में लगे सीसी कैमरे के सारे फुटेज देखें. इससे कुछ पता नहीं चला.
इंस्पेक्टर चीतासिंह ने कई बार वीडियों फुटेज देखा. उन्हें एक भालू को बार-बार शो रूम में आते हुए देखा.
सेठ बताया, ‘‘यह टेडी भालू है. यह सतपुड़ावन का बहुत बड़ा व्यापारी है. इसका कपड़ो का इम्र्पोट व एक्सर्पोट का बिजनेस है. वह अपनी पत्नी के लिए ज्वैलरी खरीदने के लिए उनके शो रूम पर आता है.’’
इस्पेक्टर चीतासिंह ने धनराज जौहरी के साथ मिलकर एक योजना बनाई. योजना के अनुसार धनराज ने पेपर में विज्ञापन छपवाया कि हमारे यहां एकदम नये डिजाइन के ज्वैलरी आये है.
विज्ञापन पढ़ कर काफी जानवर ज्वैलरी खरीदने के लिए ‘‘तड़कभड़क’’ शो रूम में पहुंच गए. उनमें टेडी भालू भी था. पुलिस ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी. उन्हें शक था. टेडी बियर ही चोरी कर रहा है. Prerak Kahani : chor pakda gaya | Motivational Story In Hindi
टेडी भालू दुकान में कई तरह के जेवर देखे पर उसे पसंद नहीं आ रहे थे. उसने काउंटर पर मौजूद सेल्स गर्ल से और भी लेटेस्ट डिजाइन के ज्वैलरी दिखाने के लिए कहे.
काउंटर पर बैठी चुनमुन बंदरिया उसे एक-एक करके गहने दिखाने लगी. टेडी भालू नएनए डिजाइन के काफी ज्वैलरी देखें. पसंद न आने की बात कह कर बव वहां से जाने लगा.
गेट के पास सिक्युरिटी गार्ड ने रोक कर तलाशी देनी चाही.
‘‘मेरी तलाशी… तुम मुझे नहीं पहचानते, मैं हमेशा यहां आता हूं. तुम्हारे सेठ को बुलाओ.’’ टेडी भालू ने काफी तेज आवाज में कहां.
सेठ धनपत हिरण वहां पहुंच गए. उन्होंने दोनों को पहले शान्त करवाया. फिर कहां यह सिक्युरिटी गार्ड की जिम्मेदारी है यदि वह चाहता है तो तलाशी देने में एतराज क्या है?
टेडी भालू तलाशी देने के लिए राजी नहीं हुआ. काफी शोर होने लगा. सेठ ने फोन करके पुलिस को बुला लिया.
इस्पेक्टर चीतासिंह फोन के इंतजार में तैयार बैठे थे. पुलिस को देखकर टेडी भालू ने वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन वह पुलिस के हाथों से बच नहीं सका. Prerak Kahani : chor pakda gaya | Motivational Story In Hindi
टेडी भालू की तलाशी लेने पर उसके पास से सोने की एक चेन मिले. जिसे उसने बड़ी सफाई से अपने जेब में भर लिया था. दुकान के वीडियो फुटेज देखने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि उसने बड़ी सफाई से जेवरो की चोरी की थी.
इंस्पेक्टर चीतासिंह बोला, ‘‘चोर कितना भी चालाक क्यों न हो पुलिस उसे जरूर पकड़ लेती हैं. विडियो फुटेज देखने के बाद ही मुझे शक हो गया था. असली चोर तुम ही हो.’’
टेडी भालू समझ गया कि अब उसका बच पाना मुश्किल है. उसने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया. वह बड़े शहरों के ज्वैलरी में जाकर इस तरह से चारी करता है. टेडी भालू को पकड़कर जेल में डाल दिया.
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