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लघुकथाएं | Hindi Short Stories | समय की धार | Dr. M.K. Mazumdar |
Laghu Katha : लघुकथाएं | Hindi Short Stories | समय की धार | Dr. M.K. Mazumdar
समय की धार
Laghu Katha (1980) | Dr. MK Mazumdar
‘समय की धार’ डाॅ. एम.के. मजूमदार द्वारा लघुकथा संग्रह में से एक है। इनकी लघुकथाएं देश के विभिन्न पत्रिकाओं और पेपर में प्रकाशित हो चुकी है। कल और आज के परिवेश में काफी बदलाव आया है। हो सकता है कुछ लघुकथाएं वर्तमान समय में अटपटी लगे पर अनेक लघुकथाएं आज के सदंर्भ में भी उतनी ही सटीक बैठती हैं। लघुकथा के परिवेश और काल को समझने के लिए प्रत्येक लघुकथा के लेखन के वर्ष को भी दर्शाया गया है जिससे पाठक उस काल को ध्यान में रखकर लघुकथा की गहराई को महसूस कर सकें। आप भी इन्हें पढ़े और अपने विचार कमेंट बाॅक्स में जरूर लिखें।
समय की धार
जब मैं छोटा था एक दिन मां से मैंने पूछा, ‘‘यह वयस्क फिल्म किसे कहते है?’’
मां ने कहा, ‘‘जिसमें शेर भालू चीते होते हैं।’’
मैं डर गया। मैंने मन ही मन सोचा, वयस्क फिल्म न देखूगां।
समय के साथ-साथ मैं वयस्क हो गया। वयस्क फिल्म का मतलब मैं समझने लगा।
एक दिन मैंने सुना, अपने बिना दांत की बुढ़ी मां को मोटे लेंस के चश्में वाले अपने पति (मेरे पिता) से कह रही थी, ‘‘आज चलिए न ‘वयस्क’ फिल्म देख आते हैं?’’
‘‘चुप हो जा पगली, तुझे घर के शेर, चीते, भालू से डर नहीं लगता।’’
मां मेरे बचपन की तरह चुप हो गयी।…….More
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