![]() |
लघुकथाएं | Hindi Short Stories | कमायी | Dr. M.K. Mazumdar |
Laghu Katha : लघुकथाएं | Hindi Short Stories | कमायी | Dr. M.K. Mazumdar
Laghu Katha (1987) | Dr. MK Mazumdar
‘कमायी’ डाॅ. एम.के. मजूमदार द्वारा लघुकथा संग्रह में से एक है। इनकी लघुकथाएं देश के विभिन्न पत्रिकाओं और पेपर में प्रकाशित हो चुकी है। कल और आज के परिवेश में काफी बदलाव आया है। हो सकता है कुछ लघुकथाएं वर्तमान समय में अटपटी लगे पर अनेक लघुकथाएं आज के सदंर्भ में भी उतनी ही सटीक बैठती हैं जितनी की उस वक्त. लघुकथा के परिवेश और काल को समझने के लिए प्रत्येक लघुकथा के लेखन के वर्ष को भी दर्शाया गया है जिससे पाठक उस काल को ध्यान में रखकर लघुकथा की गहराई को महसूस कर सकें। आप भी इन्हें पढ़े और अपने विचार कमेंट बाॅक्स में जरूर लिखें।
कमायी
या अली ….. भर दे सबकी … झोली।
जो दे भला ….. जो न दे उसका भी भला।
हाथ फैलाये उस हट्टे-कट्टे नौजवान को मैंने गौर से देखा। दुकानदार ने कुछ सिक्के देने के लिए हाथ बढ़ाया तो मैंन उन्हें रोक दिया।
‘‘जवान हो ….. हट्टे-कट्टे भी ….. कोई काम नहीं कर सकते?’’
जवाब दिए बिना उसने वही वाक्य दोहराया।
‘‘या अली ……. भर दे सबकी झोली ……
जो दे भला …… जो न दे भला।’’
मैंने तेज स्वर में कहा, ‘‘तुम ने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया?’’
‘‘या अली, तनख़्वाह कितनी दें सकते हो। दो सौ ….. चार सौ या पांच सौ रूपये महीने …. उससे ज्यादा नहीं ….. उससे ज्यादा मैं अल्लाह के नाम पर कमा लेता हूं …..। या अली …… भर दे सबकी झोली …. जो दे भला …. जो न दे भला।’’ कहता हुआ आगे बढ़ गया।
मैं और दुकानदार अवाक से उसे जाते हुए देखते रहे।……….. More
Copyright: All Rights Dr. mk mazumdar
All rights are subject to the author. Legal action will be taken if it is completely twisted and presented in any way.
#laghukatha #laghu_katha #hindishortstories #hindi_short_stories #लघुकथा
Business Mantra | बिजनेस से संबंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
Laghu katha | लघुकथा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Prerak Kahani | प्रेरक कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें