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लघुकथाएं | Hindi Short Stories | एक रचनाकार की मौत | Dr. M.K. Mazumdar |
लघुकथाएं | Hindi Short Stories | एक रचनाकार की मौत | Dr. M.K. Mazumdar
Laghu Katha (1978) | Dr. MK Mazumdar
‘एक रचनाकार की मौत’ डाॅ. एम.के. मजूमदार द्वारा लघुकथा संग्रह में से एक है। इनकी लघुकथाएं देश के विभिन्न पत्रिकाओं और पेपर में प्रकाशित हो चुकी है। कल और आज के परिवेश में काफी बदलाव आया है। हो सकता है कुछ लघुकथाएं वर्तमान समय में अटपटी लगे पर अनेक लघुकथाएं आज के सदंर्भ में भी उतनी ही सटीक बैठती हैं जितनी की उस वक्त. लघुकथा के परिवेश और काल को समझने के लिए प्रत्येक लघुकथा के लेखन के वर्ष को भी दर्शाया गया है जिससे पाठक उस काल को ध्यान में रखकर लघुकथा की गहराई को महसूस कर सकें। आप भी इन्हें पढ़े और अपने विचार कमेंट बाॅक्स में जरूर लिखें।
एक रचनाकार की मौत
वह एक कवि था। अभी उसकी गिनी चुनी रचनाएं लघु पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुयी थी। लेकिन उसने अपनी लेखन गति बनाएं रखी।
आज उसे एक लघु पत्रिका की प्रति मिली। सूची में अपना नाम देखकर खुशी से उछल पड़ा। उसकी कविता छपी थी। पृष्ठ संख्या देख उसने अपनी कविता देखी।
यह क्या, जो रचना उसने भेंजी थी। सम्पादक ने हेर-फेर कर उसे प्रकाशित कर दी थी। वह सोच रहा था, उसके अन्र्त आत्मा से निकला स्वर व सम्पादक के सोच-विचार में कितना अन्तर था। उसकी खुशी बुझ गयी। उस दिन से उसने लेखन से मुंह फेर लिया।
सम्पादक ने कविता की आत्मा के साथ-साथ एक रचानाकार की आत्मा का भी खून कर दिया था।……… More
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