![]() |
प्रेरक कहानी : मालिक और नौकर | Prerak Kahani Malik or Naukar |
प्रेरक कहानी : मालिक और नौकर | Prerak Kahani Malik or Naukar
Prerak Kahani | Aparna Mazumdar
रामप्रसाद नाम का एक व्यापारी था। उसके यहां बहुत से नौकर काम करते थे। उन नौकरों में एक नौकर व्यापारी द्वारा दिये जाने वाले पारिश्रमिक से संतुष्ट नहीं था। उसका मानना था कि नौकर दिनभर मेहनत करते है और व्यापारी दिनभर गद्दी पर बैठे हुक्म चलाता हैं। उसके बावजूद व्यापारी अधिक धन रखता है और उन्हें थोड़ा सा देता है।
एक दिन वह अपने कुछ नौकरों के साथ व्यापार करने जा रहा था। रास्ता काफी लंबा था।
चलते-चलते रास्ते में व्यापारी को बहुत तेज प्यास लगी। उन्होंने अपने नौकर से पानी लाने के लिए कहा।
नौकर पानी लेने सामने बहने वाले एक पहाड़ी नदी पर गया। लेकिन पानी बहुत गंदा हो गया था, क्योंकि अभी-अभी वहां से कुछ बैल गाड़िया गुजरी थी।
Prerak Kahaniya, Baccho ki Kahani, dadi ki kahani, Inspirational Short Stories, Moral Stories in Hindi, motivational stories for employees, nani ki kahani, new motivational story, Short Motivational Story In Hindi
नौकर पानी लिए बगैर ही लौट आया।
उसे खाली हाथ आया देखकर व्यापारी ने पूछा, ‘‘क्या हुआ तुम पानी लेकर नहीं आए।’’
नौकर बोला, ‘‘बैलगाड़ियों के गुजरने से पानी गंदा हो गया हैं। मैं दूसरी ओर जाकर देखता हूं।’’
व्यापारी बोला, ‘‘सामने पानी है, तुम वहीं से लेकर आओ।’’
नौकर गया, लेकिन इस बार भी वह बिना पानी लिए ही लौट आया। उसने कहा, ‘‘मालिक मैं आस-पास कहीं कुंआ देखता हूं।’’
प्रेरक कहानी : मालिक और नौकर | Prerak Kahani Malik or Naukar | Apeksha Mazumdar, Baccho ki Kahani, dadi ki kahani, Moral Stories in Hindi, Short Motivational Story In Hindi, Prerak Kahaniya, Prerak Kahani, prerak prasang,
व्यापारी ने उसे मना किया और दोबारा नदी से पानी लाने के लिए कहा। व्यापारी बोला, ‘‘नदी जिस ओर से बह कर आ रही है उस दिशा में जाकर वहां से पानी ले आओ।
इस बार जब नौकर पानी लेने नदी पर थोड़ा आगे गया तो वहां का पानी साफ था। वह पानी लेकर लौट आया।
व्यापारी ने कहा, ‘‘इतना सा पानी लाने में तुमने कितनी मेहनत की, जबकि यह काम एक बार में ही हो सकता था।’’
नौकर मालिक की तरफ आश्चर्य से देखते हुए बोला, ‘‘लेकिन मालिक पानी तो गंदा था।’’
‘‘हां, लेकिन अब साफ हैं। तुम वहां रूककर पानी के साफ होने का इंतजार कर सकते थे। या फिर कुंआ ढुढ़ने की बजाय नदी पर तुम वहां से कुछ आगे जाकर भी पानी ले सकते थे, जहां से बैलगाड़ी नहीं गुजरी थी। अब समझ में आ गया होगा कि मैं अधिक धन क्यों रखता हू और तुम लोगों को कम क्यों देता हूं।’’
Business Mantra | बिजनेस से संबंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
Laghu katha | लघुकथा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Prerak Kahani | प्रेरक कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
(Copyright: All Rights Aparna Mazumdar)
#prerak_kahani #prerakkahani #motivationalstoryinhindi #motivational_story_in_hindi #प्रेरककहानी
प्रेरक कहानी : मालिक और नौकर | Prerak Kahani Malik or Naukar | Apeksha Mazumdar, Baccho ki Kahani, dadi ki kahani, Moral Stories in Hindi, Short Motivational Story In Hindi, Prerak Kahaniya, Prerak Kahani, prerak prasang,