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प्रेरक कहानी : उपहार का लालच | prerak kahani | Moral Stories in Hindi | uphaar ka lalach |
प्रेरक कहानी : उपहार का लालच | prerak kahani | Moral Stories in Hindi | uphaar ka lalach
Prerak Kahani | Aparna Mazumdar
एक व्यापारी व्यापार करने शहर गया। वहां उसने बहुत-सा धन कमाया और एक दिन घोड़े पर जरूरत का सामान लाद कर अपने घर के लिए चल पड़ा।
चलते-चलते रास्ते में एक गावं पड़ा।
उस गांव के मुखिया के घर पर कई वर्ष बाद पुत्र का जन्म हुआ था। इसी खुशी में मुखिया गांव के सभी लोगों को उपहार दें रहा था।
व्यापारी ने जब यह बात सुनी तो उसके मन में भी उपहार लेने की इच्छा हुई। उसने अपना घोड़ा पास के एक पेड़ पर बांध दिया और उपहार लेने के लिए मुखिया के पास गया।
कुछ समय बाद जब वह मुखिया से उपहार लेकर लौटा तो उसे अपना घोड़ा व सामान नहीं मिला। किसी ने उसका घोड़ा और सामान दोनों ही चुरा लिया था। इस तरह छोटे से उपहार पाने के लालच में व्यापारी ने अपना सारा धन गंवा दिया था। प्रेरक कहानी : उपहार का लालच | prerak kahani | Moral Stories in Hindi | uphaar ka lalach, Moral Stories in Hindi, Prerak Kahani, Prerak Kahaniya, prerak prasang, Inspirational Short Stories,
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